ज़िंदगी एक खूबसूरत पहेली है ,जिसे हम जितना हसंकर सुलझाएँगे उतना मज़ा आएगा। इसलिए आज हम लेकर आये है Jindgi Ki Shayari का पूरा .कलेक्शन। जिसे पढ़कर आप ऊर्जा से भरा हुआ महसूस करेंगे। अगर आपको Jindgi Ki Shayari ये कलेक्शन पसंद आया तो इसे अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ शेयर करना ना भूले। आप चाहे तो Jindgi Ki Shayari के इमेजेज भी शेयर कर सकते है
jindagi ki shayari | zindagi ki shayari in hindi
निगरानी में जो खुदा
की हो जाता है,
वो हर पपरेशानी से बच
जाता है
जो अंदर से मजबूत होता
है,
वो कहा बाहर से मजबूर
होता है
जब मन सुलझ जाता है,
पहेली वक़्त की अपने आप
सुलझ जाती है
मुश्किल वक़्त तो रासता
काटता ही है,
चूर तेरी मुस्किराहटे
कयु हो जाती है
जो कोशिबशो से ना बंधा
ना करते है,
उन्हें ही नाकामी
बांधा करती है
वक़्ग जब तक इस्तेमाल
ना होता है,
फिर कहा अनमोल होता है
पकड़ जब खुशिया ली जाती
है,
छूट सारे गम जाते है
कड़वा जितना मन रहेगा,
उतना मीठा ना जीवन को
रहने देगा
जो दलदल में रास्ता
ढूंढ लेगा,
वो खुद को माहिर
मुसाफिर कर लेगा
हाथ सबके पैड होते है,
कुछ मांगने में लगे
रहते है
तो कुछ मेहनत में लगे
रहते है
मेहनत जिनकी खडी हो
जाती है,
वहा काटे अड़ंगी ना बना
करते है
जो मन बेहतर हो जाता
है,
वहां जीवन बेहतरीन हो
जाता है
यू खुद की तलाश में
निकलता है,
तभी धक्के जीवन में
खाता है
मन की चाबी जब ज़माने
के पास चली जाती है,
तभी ताला खुशियो पे लग
जाता है
जब पैदा जुनून हो जाता
है,
मुश्किले हैं कि अपने
आप मर जाती है।
मन जितना इधर उधर रहता
है,
उतना ही जीवन गुमराह
रहता है
तू भरोसे हाथों की लकीर पे करता है,
तभि धोखा हाथों की
मेहनत से खाता है
जो चलता जाता है,
वो रास्तो का होता
जाता है
जब तक मन पे लकीरे रहा
करती है,
कहा ज़िन्दगि में
तक़दीरें रहा करती है
हौसला जहा बड़ा हो जाता
है,
वहां मुकाम जीत का खड़ा
हो जाता है
तू खुद के मुताबिक ना
होता है,
तभी गुलाम ज़माने का हो
जाया करता है
जब मेहनत खड़ी हो जाती
है,
हार है कि सम्भल ना
पाती है
जह चलने के फैसले हो
जाते है,
वहा रास्ते भी साथ
जाते है
zindagi ki shayari on life | jindgi ki shayari in hindi| jindgi ki shayari 2 line
जो रास्ते ही नापते रहते है ,
उन्हें ही मंज़िले दूर
लगा करती है
**
हवा जब राम नाम की चला
करती है ,
उड़ा सारे गमो को दिया
करती है
*
हिम्मते जब तक हाथ ना
आती है ,
मुश्किलें है कि पीछे
पीछे आती है
**
परहेज़ जो हसने से किया
करता है ,
वही अपने जीवन को
बीमार कर लिया करता है
*
रास्ता जो मुश्किलो
में से निकाल लेते है ,
वो कांटो को भी फूल
बना लेते है
**
जो खुद के साथ ना रहता
है ,
वही ज़माने के साथ का
मोहताज़ रहता है
**
मरम्मत जब मन की हो
जाती है ,
ज़िंदगी है कि पहले
जैसी बन जाती है
**
ये मत देखो कि जीवन
कैसा है ,
ये देखो कि मन के अंदर
माहौल कैसा है
**
रात के बाद जैसे दिन
आता है ,
वैसे ही नामुमकिन वक़्त
मुमकिन वक़्त लाता है
**
कदम जब कठोर हो जाते
है ,
रास्ते अपने आप नरसं
हो जाते है
*
हसकर जो गमो को रुला
रहा है ,
वो जो नहीं मिला उसे
भुला रहा है
**
तू जितना अपने आज से
बात करेगा,
उतना अपनी ज़िंदगी को
ना नाराज़ करेगा
**
ज़िंदगी एक ही होती है ,
फिर भी इंसान को जीनी
ना होती है
**
ये जो बुरे वक़्त के
संदेशे आते है ,
ये हर पते पे आते है
**
कांटो को जो फूल में
बदल लेता है ,
वो बिना रुके ठोकरों
से सम्भल लेता है
**
जीवन आज में होता है ,
तेरा मन कल में होता
है
*
जो सूरज की तरह उगा
करता है ,
वो अपने अंधेरो को
उजालो में बदल लिया करता है
**
अंदर की हिम्मते बाहर
लाती है ,
ये ज़िंदगी मुसीबते
यूही ना लाती है
**
ये जो वक़्त की किताब
हुआ करती है ,
ये हमारा सारा हिसाब
रखा करती है
जिंदगी शायरी दो लाइन | खूबसूरत जिंदगी शायरी
तुम चलो तो रास्ते बन
जाएंगे ,
रुकने से तो पछतावे ही
हाथ आएँगे
ज़ख्म जब हमसे मिलने
आते है ,
तभी तो साथ मरहम लाते
है
जीवन तो फूल सा हुआ
करता है ,
चुभती तो हमे हमारी ख्वाहिशे है
वक़्त जब तक बीमार ना
करता है ,
कहा हमे दुरुस्त किया
करता है
ये जो मन की लाचारी
हुआ करती है ,
यही हमारे कदमो पे
भारी हुआ करती है
ये जो मन की लकीरे हुआ
करती है ,
यही हमारी ज़िंदगी पे
शिकन हुआ करती है
जो अपने हौसलों की हद
जानता है ,
वो कहा आसमान की हद
देखा करता है
जहा हसना जारी रहा
करता है ,
वहा गम रुलाया ना करते
है
तू मुस्कुराने में
कंजूसी किया करता है ,
तभी गमो से अमीर हो
जाया करता है
जीवन कभी लाइलाज ना
होता है ,
तू ही मुस्कुराने में
कंजूसी करता है
ये जो हमारे मन की
शक्ति हुआ करती है ,
इससे ही हमारी ज़िंदगी
आसान हो जाया करती है
जीवन हर तरफ होता है ,
नज़र तेरी ही एक तरफ
होती है
जब मन में ही ज़माना
रहता है ,
फिर कहा ज़माने में मन
लगता है
मिलो तो ज़िंदगी हुआ
करती है ,
ना मिलो तो बस सांसे
है
हथियार जो हसी का
चलाएगा ,
उसे कहा कोई वक़्त रुला
पाएगा
गमो को चखकर ही खुशिया
मिला करती है ,
हस्ती तेरी ही ऐसे ही
गिला करती है
इरादे जो मजबूत हो
जाते है ,
वो कहा मुश्किलों से
मजबूर रह जाते है
जो आज में आगे बढ़ जाता
है ,
उसका कल पीछे हट जाता
है
जीने की तरक़ीब लगाइये ,
यू ना जीने के ना
बहाने बनाइये
ये जो वक़्त की पहेली
हुआ करती है ,
वक़्त पर ही सुलझा करती
है
jindagi ki shayari hindi | jindagi ki udaan shayari
इरादा जहा पक्का हो
जाता है ,
वहा जीत भी पक्की हो
जाती है
**
ये जो आँखों की नमी
हुआ करती है ,
ये हर आँख में हुआ
करती है
**
वक़्त का जब जादू चला
करता है,
तो कोई भी वक़्त पहले
जैसा कहा रहा करता है
**
जब मुश्किलो का दरिया
आ जाता है,
तो उससे तैरने का
हिम्मत ही ज़रिया रह जाता है
**
जो मेहनत पे ठहर जाते
है,
वहां हार जीत अटकाव ना
रहा करते है
**
ज़िन्दगि मुश्किले नही
देगी,
तो हिममते कहा से देगी
आपकी दुश्मन नही बनेगी
फिर दोस्त कैसे बनेगी
**
जो अपने मन का खिलाड़ी
हो गया है,
जीवन उसके लिए महज़ एक
खेल रह गया है
***
हौसले इतने ऊंचे हो
जैसे कि अमबर है,
मन इतना गहरा हो जैसे
कि समंदर है
**
रातो से लड़ना पड़ता है,
तब जाके दिन के उजालो
से सामना होता है
**
जिनके लबो पे हँसी
रहती है,
उनकी आंखों में
अश्को के लिए कोई जगह
ना रहती है
**
जो जितना खवाहिशो को
पकड़ता है,
उसकी खुशिया उतना दाव
पे लग जाती है
**
ये जो हनारे मन का
लगाव होता है,
इससे बड़ा हमारी
ज़िन्दगि का ना कोई घाव होता है
**
ज़िन्दग़ी तो मौके
फेंकती रहती है,
इंसान पकड़ते हुए भी
छोड़ देता है
**
कदम कदम चलके ही मंज़र
मिलता है,
ठहरने पर तो पछतावा ही
हाथ लगता है
ज़िन्दगी शायरी 2 लाइन | zindagi shayari in hindi 2 line gulzar
ज़रा से गम क्या बिखर जाते है,
इनसान की खुशिया है
कि सिमट जाती है
**
जो टूटकर बनता है,
वो फिर कभी टूट ना
पाता है
**
जीना ऐसे है कि
जैसे ज़िन्दगि इनाम है,
इंसान जीता ऐसे है
जैसे कि ज़िन्दगि कोई
इल्ज़ाम है
**
ज़िन्दग़ी इतना देती है
फिर भी इंसांन
शुक्रिया ना करता है,
मगर ज़रा सा गम क्या
देती है
पलभर में उंगली उठा
देता है
**
जिन्हें हँसने की आदत
हो जाती है,
उनकी ज़िन्दगि बिना
किसी शानोशौकत के
हसीन हो जाती है
**
कदमो की ताल जहा
बरकरार रहती है,
वहा रास्तो के काटे और
फूल दोनों की हार होती है
*
जो खुद में मस्त रहता
है,
उसे क्या फर्क कि कोई
क्या कहता है
**
जिनके कदम कठोर हो
जाते है,
ठोकरों में भी वो चलते
जाते है
**
वक़्त के तूफान वक़्त पर
थम जाते है,
हम ही आदत से मजबूर
सब्र ना कर पाते है
**
जिनका हौसला ताज़ा रहता
है,
उनके जीवन को कभी उम्र
ना लगती है
*
मन जो खाली हो गया है,
उसका जीवन उमंगों से
भर गया है
**
जो ठोकर में ज़माना
रखते है,
उनके कदम कभी न रुकते
है
**
मुश्किले चीटी जैसी
होती है,
इनसान ख्याल कर करके
उन्हें हाथी बना देता है
**
जिनकी सांसो में ही
तूफान रहता है,
उन्हें क्या फर्क कि
जीवन किस हाल में रहता
है
*
जो आसमान का अरमान
रखते है,
वो दौड़ आंधियो में
लगाते है
**
जब आप पत्थर हो जाएंगे,
मुश्किलो के हतोड़े ही
आपसे टकराकर चूर हो
जाएंगे
**
जिन्हें कहना आता है
वो कहते रहते है,
जिन्हें करना आता है
वो करते रहते है
**
पल पल ज़िन्दगि आगे
निकल रही है,
कतरा कतरा भगवान का
नाम लेते रहिये
**
जो बेजोड़ मेहनत करते
है,
उनपे हार की गाठे ना
पड़ा करती है
**
जब खुद की मेहनत पे
यकीन है,
तो ज़माने की सोचना
बेफ़िज़ूल है
**
जहा मन हरा भरा रहता
है,
वहां क्या फर्क कि
जीवन बसन्त या पतझड़
रहता है
zindagi shayari in hindi two lines | zindagi ki shayari status | जिन्दगी की शायरी
ज़िन्दगी हराती है तो
जिताती भी है,
डुबाती है तो पार
लगाती भी है
इंसान बच्चे से बड़ा हो
जाता है,
मगर दिल करके जीना
उसे फिर भी ना आता है
मन है जो की परेशान
करता है,
इंसान खामखा ही शिकवा जीवन से करता है
जिन्हें सँघर्ष थकाता
नही है,
वो अपनी ज़िंदगी में
बड़ी दूर तक जाते है
दर्द इतना घाव नही
करते
जितना कि हमारे अश्क़
कर देते है,
वक़्त इतना मरहम नही
करता
जितना कि हमारी
मुस्कुराहटें कर देती है
जो अपना हंसना तय कर
लेते है,
अश्क़ उनकी ज़िन्दग़ी में
ठहरते नही है
जो नज़र पारखी होती है,
वो गमो में से हँसी को
चुन ही लेती है
चंद दौलत खर्च करने से
कुछ पलों की खुशिया
आती है,
मगर मुफ्त की
मुस्कुराहट से
खुशिया हमेशा के लिए
ठहर जाती है
जहा कोशिशे जानदार
होती है,
वहां कामयाबी भी
शानदार होती है
zindagi jeene ki shayari |zindagi ki sikh shayari
जो अपने दिल की सुनते
है,
वो रास्ता बेहतर ही
चुनते है
**
ज़िन्दगि पल पल में है,
ना कि आज से कल में है
**
अगर अपनी पसंद की
ज़िन्दगि ना मिले,
तो जो मिली है उसे
पसन्द से जीना है
*
रास्ते है मगर कदम नही
है,
कदम है मगर रास्ते नही
है
दोनों ही स्थितियों
में
मंज़िल का मिलना मुमकिन
नही है
**
सांसे है कि छूटे जा
रही है,
इंसान है कि अपनी
ज़िन्दगि से ना जुड़ पा रहा है
**
खुशिया हर जगह होती है
बस नज़र उठाने की देर
है,
मुश्किले तो यू खतम हो
जाएंगी
बस ज़रा सी हिम्मत करने
की देर है
**
जिनके हौसले आसमान तक
जाते है,
वो सितारे भी तोड़ लाते
है
**
ठोकरों को ठोकर लग
जाती है,
जब इंसान उनपे ध्यान न
देकर
आगे बढ़ जाता है
*
ये जो वक़्त के हतोड़े
के वार होते है,
ये हमारी पीठ को नरम
से सख्त कर रहे होते है
*
मन ही बन्धन मन ही
खुला है,
मन ही अंधेरा मन ही
उजला है
**
चाहे ज़िन्दगि जो समा
दे,
उसमे ख़ुशी से समा जाना
ही ज़िन्दग़ी होता है
*
जो अपने आज से घबराते
है,
वही अपने कल से दिल
लगाते है
**
मन जब दर्पण सा साफ हो
जाएगा,
तभी उसमे दीदार भगवान
का हो जाएगा
**
हार भी उन्हें क्या
हराती है,
जो अपना दिल जीत से
लगा बैठे है
**
इंसान खुद से मुकम्मल
गोता है,
बस अधूरा मन के ख्यालो
से होता है
**
ज़िन्दगि ना गुज़रे कल
में थी
ना आने वाले कल में है,
ज़िन्दगि आज अभी और इसी
पल में है
**
वहां ज़माने की बाते
घाव कर देती है,
जहा कान पकके या बहरे
नही होते है
**
ज़िन्दगि तो हर दिन
दस्तक देती है,
दरवाज़ा हम ही ना खोलते
है
**
जब काम 100%होता है,
तब हार जीत का ,1% भी फर्क ना होता है
**
कतार में खड़े है
खरीदने वाले,
मगर देखो खुशिया बिकती
कहा है
**
खुशिय मुफ़्त में है
फिर भी इनसान हँस नहीँ
पाता,
सोचो अगर कीमत होती
इनसान फकीर ही हो जाता
**
आपका कुछ ऐसा स्वाभाव
रहे,
कि ना किसी का अभाव
रहे
और ना किसी का प्रभाव रहे
**
हँसने पे कोई टैक्स
नही होता है,
ना जाने क्यू इनसान को
हंसना भारी पड़ा करता है
**
जहा कदमो का हौसला जीत
जाता है,
वहां रासतो की ठोकरे
हार मान ही जाती है
**
जिंदगी कितना ही कुछ
देले,
जब तक आप संतोष नही
करेंगे
तब तक कमिया ही देखते
रहेंगे
***
जिन्हें दिखावे में
जीना अच्छा लगता है,
उन्हें क्या मालूम
कि हकीकत में जीने का
कितना मज़ा हुआ करता है
**
वक़्त की बारिशें तो
ज़िन्दगी को ढाएंगी ही,
आप अपनी ज़िन्दगि के
कुम्हार बन
उसे फिर से गढ़ दीजिये
*
जिनके कदम वक़्त से आगे
चलते है,
उनके पास ना रूठने का
ना टूटने का वक़्त होता
है
**
ज़िन्दगी जीतना
मुस्कुराती है,
उतना गमो को भूल जाती
है
**
मुसकुराता चेहरा उतना
ही अच्छा लगता है,
जैसे गड्ढे होते हुए
चाँद सुंदर लगता है
**
दर्द होगा नही फिर
निकलेगा कैसे,
इंसान गिरेगा नही फिर
संभलेगा कैसे
zindagi ki uljhan shayari in hindi | zindagi ki sachai shayari in hindi | zindagi ki sikh shayari in hindi
जिन्होंने मेहनत को
पकड़ लिया है,
उन्होंने हार जीत
दोनों को छुड़ा दिया है
**
जब ज़िन्दगि बस में ना
रहे,
तो बेबस हो जाना
और काम खराब कर देता
है
**
ये जो मन की जायदाद
होती है,
इसे से ही इंसान की
पूरी हर मुराद होती है
**
जो ज़िन्दगी के दिये का
हिसाब किताब लगाते है,
उनके ज़िन्दगि के पन्ने कोरे ही रह जाते है
**
जब सांसो का कोई इतवार
नही होता है,
ना जाने इंसान कयू
अपने जीने से छुट्टी ले बैठता है
**
ज़िन्दगि तज़ुर्बे देती
है,
नादान इनसान को
मुसीबते लगती है
**
जिनकी कामयाबी गूंजती
है,
उनकी मेहनत की कानो
कानो खबर ना आती है
*
जिसका मन इस पल में है,
वो खुश हर पल में है
**
आप दुनियादारी बाहर से
निभाईये
मगर मन के अंदर से
दुनिया बनानेवाले के हो जाइये
**
ज़िन्दग़ी की कीमत बढ़
जाती है,
जब कोई भी सांस बिना
जीये ना रह जाती है
**
इंसान कदमो से तो आगे
बढ़ जाता है,
मगर मन उसका बीते कल
में ही रह जाता है
**
जिनका सहारा भगवान है,
उन्हें लाचार करने
वाला वक़्त ही परेशान है
**
जिनके जेब मे खुशिया
रहती है,
उन्हें जेब के पैसों
की फिक्र ना रहती है
**
जब मन के तार भगवान से
जुड़ जाते है,
तब जीवन को मधुर संगीत
सुनाते है
*
गमो का आगाज़ क्या हो
जाता है,
इंसान अपनी खुशियो से
नाराज़ हो जाता है
**
ज़िन्दगि पल पल गुज़रे
जा रही है,
इंसान को फिर भी होश
ना आ रहा है
***
ये जो खवहिशो कि
किसकिसाहट होती है,
यही हमारे ज़ायकेदार
जीवन की मिलावट होती है
**
जहा हौसला ऊँचा होता है,
वहां आसमान का कद भी
छोटा पड़ जाता है
**
जिन्हें मेहनत से
प्यार है,
वो हार जीत दोनों से
दरकिनार है
**
इंसान बीते वक़्त को
जीतना खोदता है,
आज का वक़्त गड्ढे में
गिर जाता है
**
ये ज़िन्दग़ी आपकी है,
इससे हर हाल में
मेलोजोल बनाना ही
आपकी ज़िम्मेदारी है
zindagi maut shayari 2 line | jindagi char din ki shayari
मन से जब इच्छाए हट
जाती है,
ज़िन्दगि में फिर
खुशिया बढ़ जाती है
**
ज़िन्दगि तब तक आपका
हाथ नही पकड़ेगी,
जब तक आप उससे उंगली
करना नही छोड़ेंगे
**
जहा मन मुरझा जाता है,
वहीं ज़ख्म हरे हो जाते
है
**
हम अपने मन के शिकार
हो जाते है,
खामखा ही हमारे
ज़िन्दगि से शिकवे हज़ार
हो जाते है
**
खुशिया जितनी कीमती
होती है,
इंसान उतना ही उनका
सौदा
2 कौड़ी की मुश्किलो से कर देता है
**
जब इंसान का खुद पर
यकीन बढ़ जाता है,
वो खुद ब खुद बेहतर से
बेहतरीन हो जाता है
**
ज़िन्दगी जब तोडने का
काम करे,
आपके हौसले जोड़ने का
काम करे
**
जिसे भगवान बचाये उसे
मारेगा कौन,
जिसे भगवान मारे उसे
बचाएगा कौन
*
इनसान गमों की पहचान
इतनी कर लेता है,
कि खुशिया अंजान ही
लगने लगती है
*
तू चल देखना मुकाम
आएगा,
तेरी कोशशो का जल्द ही
अंजाम आएगा
**
जिस खुदा ने ज़माने को
बनाया है,
उस ज़माने के इल्ज़ाम
सहकर भी
वो खुदा हमेशा
मुस्कुराया है
**
ज़हा मेहनत की बुआई नही
होगी,
वहां कामयाबी की कटाई
कैसे होगी
**
सोच की खिड़की जितनी
खुली होती है,
ज़िन्दगि खुले आसमान
में सांस लेती है
*
जो मनस्थितियों का
राजा हो गया है,
वो परिस्थितयो का दास
ना रह गया है
**
ज़माना दौलतमंद को
खुशनसीब समझता है
मैने खाली जेबो वालो
को भी खुश रहते देखा है
***
4 दिन की ज़िन्दगि मेहमान होती है,
फिर भी हमसे उसकी
ख़ातिरदारी कहा होती है
**
मन जब ज़िद पे आ जाता
है,
तभी मंज़िल का मिलना
मुमकिन हो जाता है
**
दिल तो सबका धड़कता है,
मगर बेधड़क जीने वाला
कहा हर कोई होता है
**
मन जब भगवान में रहता
है,
तन ज़माने में होकर भी
ज़माने में ना रहता है
*
इतना तेज़ चलो,
कि वक़्त तुम्हारे पीछे
पीछे दौड़ने लग जाये
**
इंसान 2 कदम चलके थक जाता है,
फिर कहता है कि
मंज़र दूर दूर तक नज़र
ना आता है
**
जो खुद की दौड़ में
रहता है,
वो कहा पीछे रहता है
**
जीवन को जीना जानता है,
वो आराम से हालातो को
सामना कर लेता है
*
जब मन की दौलत मिल
जाती है,
ज़िन्दगि कहा गरीब रह
जाती है
**
जो खुशियों का मोल
लगाते है,
वही खुशियो को महँगी
पाते है
**
पकड़ जब हिम्मतो की हो
जाती है,
छूट अपने आप मुश्किले
जाती है
**
कसक जहा जीने की हुआ
करती है,।
वहां कहा कसर जीने में रहा करती है
**
जो चलते जाते है,
मंज़िलो के दरवाजे उनके
लिए खुलते जाते है
**
जहा जीने का इंतज़ाम ना
होता है,
वही जीने का इन्तज़ार
होता है
**
मुश्किल वक़्त जब तक
आता नही है,
इंसांन मुस्कुराता ही
नही है
*
जब शिकन मन पर पड़ा
करती है,
तभी सिलवटे ज़िन्दगि पे
आ जाया करती है
*
ये जो वक़्त की बर्बादी
हुआ करती है,
यही हमे जीने ना दिया
करती है
**
तू आज से कल को देखता
है,
तभी अपना आज नज़रअंदाज़
कर लेता है
**
जहा हुए दूर हो जाते
है,
वहां ज़िन्दगी कहा करीब
रहा करती है
**
ये खव्हिशे कभी खत्म
ना होती है,
तब तक कि इंसांन की
ज़िन्दगि खत्म ना होती है
**
जीवन हाथ से निकले जा
रहा है,
तू है कि कदम आगे ना
बढ़ा रहा है।
**
जो कोशिश ना करने के
बहाने ढूंढा करते है,
उनको ही क़ामयाबी मिला
ना करती है
**
जहा ख्तम न इरादे हुआ
करते है,